10 Failure Stories of Successful People
एन. आर. नारायण मूर्ति – N. R. Narayana Murthy
भारतीय कंपनी इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने सही माइने में शून्य से शुरुआत की थी| इन्फोसिस की शुरुआत के लिए उन्होंने अपनी पत्नी से 250 डॉलर उधार मांगे थे। शुरूआती दिनों में इस आईटी कंपनी में फोन जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी नहीं थी। एक समय ऐसा भी आया जब यह कंपनी बंद होने की कगार पर थी। लेकिन मूर्ति ने आशा नहीं छोड़ी और इनफ़ोसिस के द्वारा भारत की पूरी आईटी इंडस्ट्री को ही बदल के रख दिया।
नेल्सन मंडेला – Nelson Mandela
“अपने नसीब का मालिक मैं खुद हूँ – अपनी आत्मा का कप्तान मैं खुद हूँ!” |
“अपने नसीब का मालिक मैं खुद हूँ – अपनी आत्मा का कप्तान मैं खुद हूँ!”
इसी वाक्य ने नेल्सन मंडेला को साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति के पद तक पहुँचाया। अपने आदर्शों और अन्याय के खिलाफ कभी हार न मानने के स्वभाव को ले कर नेल्सन मंडेला करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं| अगर उनके जीवन पर नजर डाले तो आपको एक लंबे समय तक किया गया संघर्ष नजर आएगा। राष्ट्रपति का पद का पाना उनके लिए आसान नहीं था। मंडेला ने करीब 27 साल तक संघर्ष किया और अपनी आधी जिंदगी उन्होंने जेल में गुजारी।
थॉमस एडिसन – Thomas Alva Edison
क्या आप 1000 बार असफलता प्राप्त करने के बाद सफलता की आशा कर सकते है? एक इंसान ने की थी, जिसकी बदौलत हमारे जीवन में आज उजाला है।
यह इंसान है थॉमस अल्वा एडिसन। हम इन्हें सिर्फ लाईट बल्ब ही नहीं परंतु और भी कई महत्त्वपूर्ण खोजों के लिए जानते है।इन्होने सफलतापूर्वक लाईट बल्ब बनाने से पहले 1000 निष्फल प्रयत्न किये थे| बचपन में इन्हें उनके शिक्षक द्वारा बताया गया था की वे कभी भी जीवन में आगे नहीं बढ़ पायेंगे, क्योंकि उनका दिमाग कमजोर है| आज उस शिक्षक का नाम किसी को याद नहीं, लेकिन एडिसन को सभी लोग जानते है।
हेनरी फोर्ड – Henry Ford
फोर्ड मोटर कंपनी आज विश्वविख्यात है। इस कंपनी को उसका नाम संस्थापक हेनरी फोर्ड के नाम से मिला है, जो अमेरिका के सबसे बड़े उद्योगपति में से एक थे। लेकिन हेनरी फोर्ड हमेशा से ही सफल उद्योगपति नहीं थे।
उनकी शुरुआत असफलताओं और चुनौतियों से हुई थी| पहले उनकी 2 कम्पनियाँ शुरू होने के कुछ समय के अन्दर ही विफल हो चुकी थी। लेकिन इन असफलताओं ने उन्हें अपनी अगली और सफल कंपनी “फोर्ड मोटर्स” को शुरू करने से नहीं रोका। वे मोटरकार बनाने में असेंबली लाइन का प्रयोग करने वाले सबसे पहले उद्योगपति थे जिन्होंने कार उद्योग में क्रांति ला दी थी।
अब्राहम लिंकन – Abraham Lincoln
दृढ मनोबल किसे कहते है, उसे जानने के लिए हमें अब्राहम लिंकन के जीवन पर नजर डालनी चाहिए जो कि अमरिका के महानतम राष्ट्रपतियों में से एक माने जाते है। लेकिन राष्ट्रपति बनने से पहले उन्होंने अनगिनत असफलताओं का सामना किया।
1832 में उन्होंने अपनी नौकरी गंवाई और विधान सभा का चुनाव हारे। अगले ही साल वे अपने बिजनेस में फ़ैल हुए। 1834 में फिर से चुनाव लड़ने पर विधान सभा का चुनाव जीत गए लेकिन 1835 में उनकी पत्नी की मृत्यु हो गयी। 1836 में उन्होंने मानसिक हताशा की बीमारी का सामना किया। 1838 में वे Illinois House Speaker का चुनाव हारे। 1843 में कांग्रेस के नामिनेशन के लिए नहीं चुने गए| 1849 में उनका भूमि अधिकरण ख़ारिज कर दिया गया| 1854 में लिंकन सीनेट का चुनाव हार गये| 1856 में वे उपराष्ट्रपति के लिए नहीं चुने गए| 1858 में वे फिर से उपराष्ट्रपति का चुनाव हार गए|
लेकिन फिर भी 1860 में वे अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए| दुनिया में न के बराबर ऐसे नेता होंगे, जो इतने चुनाव हारने के बावजूद राष्ट्रपति के रूप सर्वोच्च पद के लिए चुने गए| अब्राहम लिंकन ने यह साबित किया है कि
"आप तब तक नहीं हारते जब तक आप प्रयास करना नहीं छोड़ते "
जे. के. रोलिंग – J K Rowling
हैरी पॉटर आज सबसे सफल उपन्यासों (Fantasy Novel) से एक मानी जाती है। इस कहानी पर कई सारी हॉलीवुड फिल्मे भी बन चुकी है। इस कथाओं की लेखिका का नाम जे. के. रोलिंग है। क्या आप यकिन करेंगे की एक समय वे पूरी तरह से निराश, हताश, कंगाल और तलाकशुदा थी। सबसे पहली हैरी पॉटर कहानी को लिखते समय वे एक आश्रय स्थान पर रह रही थी| उनकी इस नॉवेल को 12 प्रकाशको ने नकार दिया। ऐसे वक्त में कोई भी टूट सकता हैं लेकिन जे. के. रोलिंग ने निष्फलता को नकारते हुए अपने प्रयास जारी रखे जिसका परिणाम आज हम देख रहें हैं|
स्टीव जॉब्स – Steave Jobs
क्या आप सोच सकते है कि एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास रहने के लिए कमरा नहीं था और इसलिए वो दोस्तों के घर पर फर्श पर सोता था| जो अपना पेट भरने के लिए मंदिर में भोजन करता था वो व्यक्तिदुनिया की सबसे सफल मोबाइल और कम्प्यूटर कंपनी का संस्थापक बन सकता है? यही कहानी है Apple कम्पनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स की। एक समय उनके पास रहने के लिए घर और खाने के लिए पैसे नहीं थे। एक समय तो ऐसा भी आया उन्हें अपनी खुद की कंपनी से ही निकाल दिया गया लेकिन अपने निरंतर प्रयासों द्वारा उन्होंने अपने सपने को साकार किया।
अल्बर्ट आइंस्टीन – Albert Einstein
दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन को बचपन में मंद बुद्धि बालक माना गया था। उनके शिक्षक ने उन्हें पढाई छोड़ने की सलाह दी थी और कह दिया था – “तुम कुछ कर नहीं पाओगे”|
काफी बड़ी उम्र तक बोलना एवं लिखना न सिख पाने वाले इस व्यक्ति को दुनिया का सबसे महान वैज्ञानिक माना गया और इन्होने 1921 में भौतिकशास्त्र में नोबेल प्राइज जीता|
वाल्ट डिज्नी – Walt Disney
आज डिज्नी कंपनी का नाम कौन नहीं जानता! इस कंपनी के कार्टून (जैसे मिकी माउस, डोनाल्ड डक इत्यादि) और फ़िल्में दुनियाभर में मशहूर है।
इस कंपनी के स्थापक स्वर्गीय वाल्ट डिज्नी है। इनकी जिंदगी के बारे में बहुत कम लोगों को मालूम है। 16 साल की उम्र में उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था। आर्मी में उन्हें नौकरी नहीं मिल पायी क्योंकि उनका कद छोटा था। काफी मशक्कतों के बाद उन्हें एक अखबार में बतौर कार्टूनिस्ट नौकरी मिली थी। लेकिन वे कम में संतोष पाने वाले व्यक्ति नहीं थे। उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर एक फ़ैल हो रही कंपनी “Laugh o Gram” को खरीद लिया। इस कंपनी को उन्होंने एक स्वप्न में बदल दिया जिसे हम आज डिज्नी के नाम से जानते है!
स्टीफन किंग – Stephen King
16 साल की उम्र में बुरी तरह से शराब की लत में फंसे। 30 बार उनकी लिखी गई कहानी को नकारा गया। 31 वी बार असफल होने पर अपनी इस कहानी को फेंक दिया था। इस व्यक्ति का भविष्य क्या हो सकता है? हम बताते है आपको!
यह व्यक्ति आगे जाकर एक महान लेखक बने और उनका नाम है स्टीफन किंग। अपनी पत्नी के जोर देने पर उन्होंने इस कहानी को एक बार और प्रकाशक को भेजा। और उसके बाद मिली सफलता हमारे सामने है| स्टेफन किंग की पुस्तकें विश्व की सबसे शानदार पुस्तकों में से एक हैं|
महान व्यक्ति और सामान्य व्यक्ति में फर्क केवल उनकी सोच, नजरिये और विश्वास का होता है। महानता प्राप्त करने के लिए “कभी प्रयत्न न छोड़ने” की सोच जरुरी हैं। इन महान व्यक्तियों ने साबित किया हैं कि
“आपको तब तक कोई नहीं हरा सकता, जब तक की आप खुद से न हार जाओ”
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